
टाइम मैनेजमेन्ट कैसे करे – Time Management in hindi

Time Management टाइम एक ऐसी भी चीज है , जिसे एक बार गँवाने के बाद कभी नहीं पाया जा सकता और वह है – समय । एक बार हाथ से निकला हुआ समय फिर कभी नहीं मिलता । कहावत है- ” बीता हुआ समय और कहे हुए शब्द कभी वापस नहीं बुलाए जा सकते ‘ ।
टाइम मैनेजमेन्ट कैसे करे How to manage time tips in hindi
टाइम ही जीवन की परिभाषा है ; क्योंकि समय से ही जीवन बनता है । टाइम का सदुपयोग करना जीवन का उपयोग करना है । समय का दुरुपयोग करना , जीवन को नष्ट करना है । समय किसी की भी प्रतीक्षा नहीं करता । वह प्रतिक्षण , मिनट , घंटे , दिन , महीने , वर्षों के रूप में निरंतर अज्ञात दिशा को जाकर विलीन होता रहता है ।
यदि आसान न भी होता हो , तो आसान लगने लगता है । सामान्यतौर पर कार्य करते समय अनेक कार्य मस्तिष्क में घूमने लगते हैं ; इन सभी में ऐसे कार्य का चुनाव करना चाहिए , जिसकी आवश्यकता सर्वोपरि हो । प्राथमिकता उसी कार्य को देनी चाहिए , जो हमारे वर्तमान समय की सबसे बड़ी माँग हो । इस प्रकार कार्यों का वरीयता क्रम तय करना चाहिए ।
Time Table बनानी चाहिए
कार्य ( Work ) को कितने समय में और कब तक पूरा करना है ? हम प्रोडक्टिव ऑवर्स यानी मुख्य कार्यकाल की समय – सारणी भी बना सकते हैं । समय – सारणी के मुख्य घटक निम्न है
- प्रात : उठने का समय
- दैनंदिन क्रियाकलापों का समय
- स्कूल – कॉलेज या कार्यालय जाने का समय
- बीच का अंतराल
- कार्यालय आदि के बाद का समय
- घरेलू सदस्यों का साथ
- मनोरंजन काल
- सोने का समय ।
Time table बनाने के पश्चात अपनी पूरी जिम्मेदारी समझकर , कार्य का शुभारंभ करना चाहिए । इस प्रकार चरणबद्ध ढंग से नियत समय में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है । आधुनिक भाषा में इसे ही Time Management कहा जाता है ।
टाइम को मैनेज करने के तरीके Time Management Tips In Hindi
- एक समय में सदा एक काम करो ।
- आवश्यक कार्यों को तुरंत कर डालो , उन्हें दूसरे समय के लिए टालकर न रखो । जो लोग कार्यों को टालते जाते हैं , उनके बहुत -से कार्य सदा बिना किए ही पड़े रह जाते हैं और जिससे कभी – कभी बहुत नुकसान हो जाता है ।
- जो काम स्वयं तुम्हारे करने का हो , उसे दूसरे पर कभी मत छोड़ो ।
- बहुत अधिक शीघ्रता कार्य को नष्ट कर देती है , इसलिए कार्य को अत्यधिक शीघ्रतापूर्वक न करो और साथ ही आरामतलबी से भी न करो ।
- समय की बचत के लिए तकनीकी वैज्ञानिक साधन – संसाधन प्रयुक्त किए जाने चाहिए ।
- किसी कार्य को आरंभ करने के उपरांत उसे पूरा करके ही विश्राम लो । यदि इस दौरान शारीरिक या मानसिक थकान महसूस होती है , तो आवश्यकतानुसार विश्राम किया जा सकता है । काल का नियम ही है – अनवरत निरंतर बहना ।
- इस सच्चाई को समझा जाए कि हम भी इस धारा में बह रहे हैं । अत : हम अपने समय – दिन , महीने , वर्षों का सदुपयोग करना सीख जाएँ ।
- ऐसी कार्य योजना बनाई जाए , जिसमें प्रत्येक वर्ष के साथ प्रत्येक दिन और हर पल के उद्देश्यपूर्ण उपयोग का सुअवसर हो । कोई भी पल एवं क्षण व्यर्थ न जाने पाए ; क्योंकि जीवन का नन्हा – सा क्षण भी बहुमूल्य एवं बेशकीमती होता है समय के सदुपयोग में ही जीवन की सार्थकता सिद्ध हो सकती है ।
- समय के महत्त्व को पहचानकर ही जीवन में आने वाले उचित अवसरों का सदुपयोग किया जा सकता है । इसके लिए हमें प्रत्येक पल , प्रत्येक दिन को संपूर्ण एवं समग्र रूप से जीना सीखना चाहिए
- समय का सदुपयोग करके ही जीवन जीने की कला सीखी जा सकती है और एक परिष्कृत आकर्षक व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है ।
- समय की अजस्र धारा निरंतर प्रवाहित होती रहती है और फिर शून्य विलीन हो जाती है ।
Importance of Time Management in Hindi
फ्रैंकलिन ने कहा है- ” समय बरबाद मत करो ; क्योंकि समय से ही जीवन बना है । ” निस्संदेह वक्त और सागर की लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करतीं । हमारा कर्त्तव्य है कि हम समय का पूरा – पूरा सदुपयोग करें ।
शेक्सपीयर ने कहा ” मैंने समय को नष्ट किया है , अब समय मुझे नष्ट कर रहा है । ” सचमुच जो व्यक्ति अपना तनिक – सा भी समय व्यर्थ नष्ट करते हैं , उन्हें समय अनेक सफलताओं से वंचित कर देता है ।
संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं , उनकी महानता का एक ही आधारस्तंभ है कि उन्होंने अपने समय का पूरा – पूरा उपयोग किया , एक क्षण भी व्यर्थ नहीं जाने दिया ।
Time का दुरूपयोग करने का नुकसान
जिस समय लोग मनोरंजन में मशगूल रहते हैं , व्यर्थ आलस्य – प्रमाद में पड़े रहते हैं , उस समय महान व्यक्ति महत्त्वपूर्ण कार्यों का सृजन करते रहते हैं ।
ऐसा एक भी महापुरुष नहीं , जिसने अपने समय को व्यर्थ नष्ट किया हो और वह महान बन गया हो । समय बहुत बड़ा धन है , भौतिक धन से भी अधिक मूल्यवान । जो इसे भली प्रकार उपयोग में लाता है , वह सभी तरह के लाभ प्राप्त कर लेता है । छोटे से जीवन में भी बहुत बड़ी सफलताएँ प्राप्त कर लेता है ।
वह छोटी – सी उम्र में ही दूसरों से बहुत आगे बढ़ जाता है । समय सतत अजस्र अनुदानों से भरा – पूरा रहता है । होश में जीने वाले सचेत व्यक्ति उसका सदुपयोग कर लेते हैं , इसलिए उन्हें बुद्धिमान कहा जाता है , परंतु सामान्यतः हम बेहोश रहते हैं और सब कुछ गँवाते रहते हैं ।
कुछ भी हाथ नहीं लगता है , बल्कि जो कुछ रहता है , वह भी बिखर जाता है । इसके कारण में जाने पर , इसके रहस्य को खोजने पर पता चलता है कि अचेतनताजनित आलस्य ही इसकाई मुख्य जिम्मेदार है ।
आलस्य और वह भी बेहोशी भरा , समय को फुलझड़ी के समान जलाता रहता है । बेहोश मानसिकता हमें किसी भी चीज का मूल्य आँकने – परखने नहीं देती है और यदि प्रयासपूर्वक – कुछ ख्याल आता भी है तो कोई लाभ नहीं होता ; क्योंकि उस पल तक अवसर हाथ से फिसल गया – होता है ।
अस्त – व्यस्त जीवनशैली और नकारात्मक आदतें = भी बहुमूल्य अवसरों को होली के समान जलाती – रहती हैं । ये साधनों को , जिनके द्वारा सफलता पाई = जा सकती है , उन्हें या तो नष्ट कर देती हैं या उन्हें न अत्यंत जटिल बना देती हैं ।
अंतिम शब्द
जो काम आसानी और सरलता से हो जाता , वही उलझकर रह जाता है न और अंत में सब कुछ समाप्त हो जाता है । आज की व्यस्ततम और आधुनिक जीवनशैली की गहराई में न झाँकें तो यही तथ्य नजर आता है ।
इस संदर्भ में ने विख्यात समय प्रबंधनकर्ता रॉबर्ट रोसेक का कहना है कि समय अपनी गति के अनुरूप चल रहा है । इसकी गति न तो अधिक है और न कम । 24 घंटे की इसकी अवधि भी निश्चित है । सभी के लिए यही समय है और इसी समय को साधन के रूप में प्रयुक्त करना होता है ।
रॉबर्ट के अनुसार- ” आधुनिक तकनीकी को समयानुकूल , सहज सरल बनाने की आवश्यकता है । इसके साथ ही अपनी अस्त – व्यस्त जीवनशैली को सुव्यवस्थित तथा सोच को कार्य के अनुरूप ढालना चाहिए , तभी समय का सार्थक सदुपयोग हो सकता है । ‘ समय का परिस्थिति के अनुरूप उचित एवं सार्थक ढंग से उपयोग समय – प्रबंधन कहलाता है ।
किसी भी कार्य में सफलता पाने का अमोघ मंत्र है – कार्यों की पूर्वयोजना बनाने की आदत । इससे कार्यकुशलता के साथ – साथ ठीक समय पर कार्य को निबटाने की दक्षता आती है । एक साथ कई चीजों को याद रखने या करने की आवश्यकता नहीं पड़ती और सब कुछ बहुत आसान हो जाता है ।